भारत में डायबिटीज एक तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और इसकी चपेट में आने वालों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि डायबिटीज सिर्फ शरीर के अंदरूनी अंगों को ही नहीं, बल्कि हमारे मुंह और दांतों की सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
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डायबिटीज और ओरल हेल्थ में क्या संबंध है?
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में इंसुलिन का निर्माण या कार्य प्रभावित होता है, जिससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। जब ब्लड शुगर लेवल लंबे समय तक कंट्रोल में नहीं रहता, तो यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। इसका असर मुंह की कोशिकाओं पर भी पड़ता है, जिससे इंफेक्शन, मसूड़ों की सूजन, दांतों का गिरना और कई अन्य समस्याएँ जन्म लेती हैं।
डायबिटीज के कारण ओरल हेल्थ पर पड़ने वाले प्रभाव

1. मसूड़ों की बीमारी (Periodontitis)
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में मसूड़ों की बीमारियाँ सबसे सामान्य समस्या होती हैं। शुगर के बढ़े हुए स्तर के कारण मसूड़ों में रक्तसंचार कमजोर हो जाता है और बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं। इससे सूजन, दर्द और धीरे-धीरे दांतों का गिरना भी शुरू हो सकता है।
2. मुंह का सूखापन (Dry Mouth)
डायबिटीज में लार ग्रंथियाँ पर्याप्त मात्रा में लार नहीं बनातीं, जिससे मुंह बार-बार सूखता है। लार की कमी से मुंह की सतह पर बैक्टीरिया आसानी से जम जाते हैं, जिससे कैविटी और बदबू की समस्या होती है।
3. फंगल संक्रमण – ओरल थ्रश (Oral Thrush)
डायबिटीज रोगियों में ओरल थ्रश, यानी कि कैंडिडा फंगस का संक्रमण, सामान्य बात है। इसमें जीभ और गालों के अंदर सफेद परत जम जाती है जो दर्द और जलन का कारण बनती है।
4. घावों का देर से भरना
अगर डायबिटिक व्यक्ति के मुंह में कोई कट या घाव हो जाए, तो वह जल्दी नहीं भरता। दांत निकालने के बाद भी रिकवरी धीमी होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
5. दांतों का हिलना और गिरना
लंबे समय तक अनियंत्रित शुगर लेवल मसूड़ों को कमजोर कर देता है। इससे दांतों की पकड़ ढीली हो जाती है और वे गिरने लगते हैं।
6. बदबूदार सांस (Halitosis)
सूखे मुंह, कैविटी और मसूड़ों के संक्रमण से मुंह से दुर्गंध आती है। यह सामाजिक असहजता और आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकती है।
कैसे पहचानें कि डायबिटीज आपकी ओरल हेल्थ को प्रभावित कर रही है?
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और आपको नीचे दिए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डेंटल जांच कराएं:
- बार-बार मसूड़ों से खून आना
- मुंह का लगातार सूखना
- दांतों के पास मवाद आना
- जीभ पर सफेद परत
- मसूड़ों में जलन या सूजन
- स्वाद में बदलाव
- ब्रश करते समय दर्द
- बार-बार कैविटी होना
डायबिटीज में ओरल हेल्थ को कैसे सुरक्षित रखें?
1. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें
ओरल हेल्थ की रक्षा के लिए सबसे पहला कदम यही है। अगर ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगा तो मुंह में बैक्टीरिया और संक्रमण की संभावना भी कम होगी।
2. दिन में दो बार ब्रश करें
मुलायम ब्रिसल वाले टूथब्रश से ब्रश करें और डेंटिस्ट के सलाह अनुसार माउथवॉश का प्रयोग करें।
3. डेंटल फ्लॉस का प्रयोग करें
दांतों के बीच जमी गंदगी को हटाने के लिए रोज फ्लॉस करें।
4. हर 6 महीने में डेंटल चेकअप कराएं
डायबिटीज मरीजों को सामान्य लोगों से ज्यादा जल्दी ओरल समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए रूटीन जांच बहुत ज़रूरी है।
✅ 5. लार बढ़ाने वाले उपाय अपनाएं
नींबू, लौंग, सौंफ जैसी चीजें चूसने से लार बनने में मदद मिलती है और मुंह की नमी बनी रहती है।
✅ 6. धूम्रपान और तंबाकू से परहेज़ करें
तंबाकू का सेवन diabetes के साथ ओरल इंफेक्शन को और भी खतरनाक बना देता है।
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ओरल हेल्थ के लिए क्या कहना चाहिए डॉक्टर को?
जब भी आप डेंटिस्ट के पास जाएँ, उन्हें बताएं कि आप डायबिटीज के मरीज हैं और वर्तमान में आपकी शुगर की स्थिति क्या है। इससे वे आपको उचित दवा और सलाह देंगे जिससे सर्जरी या इलाज के दौरान कोई खतरा न हो।
निष्कर्ष:
diabetes केवल ब्लड शुगर से जुड़ी बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित कर सकती है — और आपका मुंह भी इससे अछूता नहीं। इसलिए ओरल हेल्थ को गंभीरता से लेना ज़रूरी है। सही खानपान, साफ-सफाई और समय पर दंत चिकित्सक की सलाह लेकर आप अपने दांतों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
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